आजकल शायद ही कुछ ऐसा हो जो कंप्यूटर से जुड़ा न हो | कंप्यूटर के आविष्कार के बाद इसने इंसानों के जीवन को बहुत बदल दिया है । कई चीजें कंप्यूटर कुछ सेकंडों में कर सकता है जो पहले कई घंटों या दिनों में होती थी। आजकल इंटरनेट का युग है और कंप्यूटर के बिना इंटरनेट संभव नहीं है। कभी कभी आपके मन में आया होगा की कंप्यूटर का फुल फॉर्म क्या है, जो आपकी हिंदी में समझ आ जाए (Full Form of Computer in Hindi) । इस ब्लॉग में हम आपको इसके बारे पूरी जानकारी देंगे।
कंप्यूटर का फुल फॉर्म Full Form of Computer in Hindi
- C – Commonly (आमतौर पर)
- O – Operated (संचालित)
- M – Machine (यंत्र)
- P – Particularly (विशेष रूप से)
- U – Used for (के लिए इस्तेमाल होता है)
- T – Technical (तकनीकी)
- E – Educational (शिक्षात्मक)
- R – Research (अनुसंधान)
कंप्यूटर का फुल फॉर्म – (Full Form of Computer in Hindi) एक वाक्य में
आमतौर पर संचालित मशीन विशेष रूप से प्रौद्योगिकी शिक्षा और अनुसंधान में उपयोग की जाती है । (Commonly Operated Machine Particularly Used in Technology Education and Research).
कंप्यूटर का अर्थ (Meaning of computer) कंप्यूटर क्या है
कंप्यूटर एक ऐसा उपकरण/ मशीन है जो कि उपयोगकर्ता के द्वारा दिये गये निर्देश को नियमित तरीके से समझकर फलस्वरूप परिणाम में आउटपुट (Output) दिखता है |
इसका जन्म अंग्रेजी के शब्द कंप्यूट (Compute) से हुआ था जिसका मतलब है गणना करना | कंप्यूटर कुछ ही समय में बहुत सारे प्रशनों का उत्तर देने में समर्थ है | कंप्यूटर न सिर्फ गति के हिसाब से ही नहीं, बल्कि इसमें बहुत सी ऐसी विशेषता है जो कि मनुष्य से बेहतर है जैसे कंप्यूटर स्वचालित (Automatic), बहुमुखी (Versatile), तीव्र गति (Fast Speed), कोई परिश्रम नहीं (No Labor), उच्च भंडारण क्षमता (High Storage Speed) का उपकरण है | बेशक कंप्यूटर बहुत ही ज्यादा तेज़ काम करता है परंतु उसको दिशा देने वाला इंसान ही है वह अपने आप में कुछ भी नहीं है |
कंप्यूटर इंसान के बिना कोई कार्य नहीं कर सकता, कार्य करने के लिए उसको किसी न किसी की आवश्कता होती है | कंप्यूटर का इस्तेमाल हम हर रोज़ पढ़ने (Reading), जानकारी को सहजने (Learning Information), खेल खेलने (Playing Games), ऑनलाइन खरीदारी (Online Shopping), ईमेल (E-mail), गाना सुनने (Listening to Songs), वीडियो देखने (Watching Videos), फ़िल्मे देखने (Watching Movies), आदि के लिये करते है |
कंप्यूटर की विशेषताएँ (Features/Characteristics of Computer)
स्वचालित (Automatic)
मनुष्य कंप्यूटर को सिर्फ़ उसको निर्देश (Input) देता है वाकि सारे काम वह अपने आप से करता है जिसके परिणाम में वह फल (output) पर्दान करता है |
गति (Speed)
कंप्यूटर की गति बहुत ही तेज़ होती है | यह बहुत बड़ी गणना को कुछ ही मिनट में ही कर देता है जिसको करने में मनुष्य को एक साल से भी ज्यादा समय लगा सकता है | एक शक्तिशाली कंप्यूटर प्रति सेकंड 5 मिलियन कार्य करने में सक्षम है | इसमें हम सिर्फ़ गणना ही नहीं बल्कि बहुत सारे काम आसानी से कर सकते हैं |
शुद्धता (Accuracy)
कंप्यूटर में जितना भी काम किया जाता है वो 100% शुद्ध होता है | बल्कि मनुष्य जितना भी उत्तम काम कर ले उसमें कही न कही ग़लती निकल ही जाती है | अगर कहीं गलती से कोई काम गलत निकल आये तो गलती कंप्यूटर की नहीं होगी बल्कि उसको निर्देश (Input) देने वाले मनुष्य की होगी |
लगन (Diligence)
मनुष्य के कार्य करने की एक सीमित इकाई है जिसके बाद वह थक जाता है परन्तु कंप्यूटर के सन्दर्भ में ऐसा नहीं है वह जितना मर्ज़ी काम कर ले वह कभी भी नहीं थकता है |
चंचलता (Versatility)
कंप्यूटर पर हम एक समय पर बहुत सारे कार्य कर सकते है जैसे कि अगर हम कंप्यूटर पर ऑनलाइन शॉपिंग (Online Shopping) कर रहें है तो इसके साथ हम गाने भी सुन सकते है और साथ ही हम कोई भी सॉफ्टवेयर (Software) डाउनलोड (Download) कर सकते है |
याद रखने की शक्ति (Power of Remembering)
हम मनुष्य के सोचने की क्षमता एक सीमित है उसके बाद हम बहुत सारी बातें भूल जाते हैं | लेकिन कंप्यूटर के सिंद्धात में ऐसा नहीं होता है वह बहुत सारा डाटा (Data) अपने दिमाग़ (Memory) में संभाल (Store) कर रखता है | यह सारा डाटा (Data) कभी भी ख़राब नहीं होता है |
बुद्धि नहीं (No I.Q.)
कंप्यूटर का अपना कोई भी दिमाग नहीं होता है उसको निर्देश (Instruction ) देने वाला मनुष्य है | वह अपने आप में कुछ भी नहीं है | बिना निर्देश (Instruction ) के कंप्यूटर कोई भी काम नहीं कर सकता |
कोई भावना नहीं (No Feelings)
कंप्यूटर के सामने कोई जो मर्ज़ी रोये चाहे जो मर्ज़ी करे उसे कोई फ़र्क नहीं पड़ता है | इसको कोई भी भूख और प्यास नहीं लगती और यह कभी भी बिमार नहीं होता |
कंप्यूटर प्रणाली वास्तुकला (Computer System Architecture)
स्टोरेज यूनिट (Storage Unit)
हम जितने भी निर्देश इनपुट यूनिट (Input unit) के माध्यम से कंप्यूटर में देते हैं वह उसको संभाल (Save) कर रखता है | और जब हमें उस डाटा (Data) की ज़रुरत पड़ती है तब हम उसे वहाँ से निकाल सकें |
इनपुट यूनिट (Input Unit)
कोई भी डाटा (Data) और निर्देश (Instruction) सिर्फ़ इनपुट यूनिट (Input Unit) के द्वारा ही कंप्यूटर सिस्टम के अंदर भेजा जा सकता है | इसके लिए हम कीबोर्ड (Keyboard), जॉयस्टिक (Joystick), माउस (Mouse) या फिर स्कैनर(Scanner) की मदद ले सकते हैं | इनपुट यूनिट का इस्तेमाल हम डाटा प्रोसेसींग (Data Processing) के लिए इस्तेमाल करते है ताकि हमें सही उत्तर (Output) मिल सके |
आउटपुट यूनिट (Output Unit)
कंप्यूटर के अंदर हम जितने भी निर्देश (Instructions) देते हैं उसे प्रतिक्रिया (Process) काम करने के बाद हमें सही उत्तर (Result) ऑउटपुट यूनिट (Output यूनिट) के माध्यम से ही मिलता है |
सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (Central Processing Unit)
सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट को कंप्यूटर का दिमाग़ भी कहते हैं | जैसे मनुष्य को निर्देश देने वाला उसका अपना दिमाग है वैसे ही सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट काम करता है |

स्टोरेज यूनिट (Storage Unit)
स्टोरेज यूनिट को दो हिस्सों में बांटा गया है |
प्राइमरी स्टोरेज (Primary Storage)
प्राइमरी स्टोरेज को Main Memory भी कहा जाता है क्योंकि यह उत्तर (Result) प्रदान करने से पहले सारे निर्देश (Instruction) और डाटा (Data) को अपने पास रखता है | सारी प्रतिक्रिया (Processing) होनें के बाद ही यह हमें उत्तर प्रदान करता है |
सेकेंडरी स्टोरेज (Secondary Storage)
सेकेंडरी स्टोरेज को हम सहायक स्टोरेज (Auxiliary Storage) भी कह सकते हैं क्योंकि जो कमी प्राइमरी स्टोरेज में है यह उसको पूरा करने में समर्थ है | जब भी हम कंप्यूटर में काम करते है वह काम प्राइमरी स्टोरेज में इकट्ठा हो जाता है परन्तु जब लाइट चली जाती है तो वह सारा डाटा (Data) ख़राब हो जाता है | इस समस्या को दूर करने के लिये हम सेकेंडरी स्टोरेज का इस्तेमाल करते हैं | डाटा (Data) को हम भविष्य में इस्तेमाल कर सकने के लिये सीडी (CD), डीवीडी ड्राइव्स (DVD drives), यूएसबी फ़्लैश ड्राइव्स (USB flash drives), मैग्नेटिक टेप (Magnetic Tape), पंचेड़ कार्ड (Punched Cards), फ्लॉपी डिस्कस (Floppy Disks), अतियदि का इस्तेमाल कर सकते हैं |
सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (Central Processing Unit)
जैसा की आपको बताया सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट को कंप्यूटर का दिमाग़ भी कहते हैं | कंप्यूटर के जितने भी निर्देश होते हैं वो सारे सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट देखता है | कंट्रोल यूनिट (Control Unit) और अरिथमैटिक लॉजिक यूनिट (Arithmetic Logic Unit) दोनों को जोड़ने पर सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट बनता है |
अरिथमेटिक लॉजिक यूनिट (Arithmetic Logic Unit)
अरिथमेटिक लॉजिक यूनिट कंप्यूटर में वह स्थान है जिसमें किसी भी काम करने से पहले सही निर्देश दिये जाते हैं | जितनी भी गणना (Calculation) कंप्यूटर में होती है वह सब अरिथमेटिक लॉजिक यूनिट ही देखता है |
कण्ट्रोल यूनिट (Control Unit)
कण्ट्रोल यूनिट हर एक दिशा निर्देश को काबू करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है | कोई भी डाटा कैसे स्टोरेज यूनिट (Storage Unit) में जाये ? अरिथमेटिक लॉजिक यूनिट को कैसे जानकारी मिले की डाटा मिलने के बाद उसे क्या करना है ? कैसे अंतिम परिणाम आउटपुट डिवाइस (Output Device) को भेजना है ? यह सारे निर्देश कण्ट्रोल यूनिट देता है |
इनपुट डिवाइसस (Input Devices)
इनपुट डिवाइसस (Input Device) एक ऐसा यंत्र है जो यूजर (User) से निर्देश लेता है और उसे ट्रांसलेट (Translate) करता है | इनपुट डिवाइस आजकल बहुत ज्यादा काम में आते हैं जिसके माध्यम से हम कोई भी आउटपुट (Output) ले सकतें हैं |
कीबोर्ड डिवाइसस (Keyboard Devices)
कीबोर्ड डिवाइस सबसे लोकप्रिय उपयोग वाला डिवाइस है | हम कीबोर्ड का इस्तेमाल कंप्यूटर में निर्देश (Command) देने के लिये इस्तेमाल करते हैं | यह कंप्यूटर और यूजर (User) के बीच में संबंध बनाने के लिये कार्य सिद्ध होता हैं | अधिकतर कंप्यूटर में 104 कीसस (Keys) होती है जिसके द्वारा हम कंप्यूटर में देशा निर्देश देने में सक्ष्म होते हैं |
माउस (Mouse)
माउस कीबोर्ड के जैसे ही निर्देश देनें के लिये इस्तेमाल होता है | माउस का इस्तेमाल हम ग्राफिकल यूजर इंटरफ़ेस (Graphical User Interface) के तौर पर करते हैं | माउस एक एरो (Arrow) के रूप में हमें दिखाई देता है | इसमें 2 बटन होते हैं एक दाईं और एक बाएँ तरफ़ जिसको दवाने से हम कंप्यूटर को निर्देश दे सकतें हैं | स्क्रीन (Screen) के जिस हिस्से में हमें कोई कार्य करने के जरुरत होती है वहाँ हम माउस के निचे लगे स्क्रॉल (Scroll) के द्वारा उस जग़ह पहुँच जाते हैं जहां पर हमें जरुरत होती है |
ट्रैकबॉल (Trackball)
ट्रैकबॉल एक इशारा देने जैसा उपकरण है यह माउस के जैसे ही काम करता है | जो बॉल (ball) माउस के नीचे होती थी वह इसमें ऊपर की ओर होती है | कंप्यूटर की स्क्रीन को छूने के लिये हम इस बॉल को अपने ऊँगली के माध्यम से ऊपर ले आतें हैं |
जोस्टिक (Joystick)
जोस्टिक का इस्तेमाल हम कंप्यूटर में खेल खेलने के लिए इस्तेमाल करते हैं | जॉयस्टिक ट्रैकबॉल के जैसे ही होती है | स्क्रीन की दिशा बदलने के लिये इसमें एक स्टिक (Stick) होती है जिसको हम अपनी जरुरत के हिसाब से बदल लेते हैं | यह वीडियो गेम्स (video games) खेलने के लिये विशेष रूप से इस्तेमाल में लाया जाता है |
इलेक्ट्रॉनिक पेन (Electronic Pen)
इलेक्ट्रॉनिक पेन एक अलग़ तरह का इनपुट डिवाइस (Input Device) है | इसको हम अपने कंप्यूटर की स्क्रीन पर कुछ भी बनाने के लिये इस्तेमाल करते हैं और इसके माध्यम से हम कंप्यूटर स्क्रीन (Computer Screen) पर बहुत कुछ लिख भी सकते हैं |
टच स्क्रीन (Touch Screen)
यह बहुत ही साधारण और जल्दी से समझ आने वाला इनपुट डिवाइस है | इसके माध्यम से हम कंप्यूटर स्क्रीन पर दी गई मेनू (Menu) या फिर कोई भी आइकॉन (Icon) को अपने ऊँगली से हाथ लगाकर उसके अंदर के डाटा को देख सकता है |
स्कैनर (Scanner)
स्कैनर आजकल बहुत ज्यादा इस्तेमाल होने वाला डिवाइस है | हम कोई भी इमेज (Image) को स्कैनर के द्वारा कंप्यूटर के अंदर भेज सकते हैं | यह सिर्फ एक इमेज को ही नहीं बल्कि कोई भी टेक्स्ट (Text), ग्राफिकल (Graphical), हाथ से लिखी हुई (Hand Written) या फ़िर सामग्री (Material) को भी कंप्यूटर के अंदर भेजने में सक्ष्म होता है |
ऑप्टिकल मार्क रीडर (Optical Mark Reader – OMR)
कोई भी पहले से लगे हुए चिह्न में दुबारा लगाये गये पेन या पेंसिल के को समझने के लिये ऑप्टिकल मार्क रीडर इस्तेमाल करतें हैं | उदाहरण – छात्र ऑब्जेक्टिव टाइप्स (Objective Types) के पेपर देतें हैं उसमे पहले से ही कुछ अक्षर लिखे हुये होते हैं जिसके ऊपर छात्रों को काले या नीले रंग के पेन (Pen) की मदद से डार्क (Dark) करना होता है |
आउटपुट डिवाइसस (Output Devices)
मॉनिटर (Monitor)
मॉनिटर सबसे ज्यादा इस्तेमाल में आने वाला आउटपुट डिवाइस (Output Device) है | इससे हम टेलीविज़न के जैसे आउटपुट स्क्रीन के ऊपर देख सकतें हैं | मॉनिटर के साथ कीबोर्ड (Keyboard) जुड़ा हुआ होता है ताकि हम यह देख सकें कि कंप्यूटर को जो निर्देश दे रहें हैं वह कंप्यूटर उसको साथ साथ कर रहा है या नहीं |
प्रिंटर (Printer)
प्रिंटर भी बहुत ज्यादा काम में आने वाला आउटपुट डिवाइस (Output Device) है जो कि हमें कंप्यूटर से डाटा कॉपी करके उसे एक कागज़ के ऊपर छाप दे देता है |
स्क्रीन इमेज प्रोजेक्टर (Screen Image Projector)
स्क्रीन इमेज प्रोजेक्टर एक ऐसा आउटपुट डिवाइस होता है जो कि हमें एक बहुत बड़ी मात्रा में स्क्रीन इमेज दिखाता है | यह हम स्कूल, और कॉलेज में पढ़ने के लिये और थिएटर में फिल्में देखने के लिये इस्तेमाल करतें हैं |
वौइस् रिस्पांस सिस्टमस (Voice Response System)
वौइस् रिस्पांस सिस्टमस ऐसा सिस्टम है जो कि बैंक, कंपनी, और मोबाइल फ़ोन इत्यादि में इस्तेमाल करने के लिये बनाया गया है | इसके अंदर पहले से बनी हुई आवाज़ होती है जिसके कहनें पर हम बताये गये बिकलप को चुनते हैं | उदाहरण – हमें अपने मोबाइल फ़ोन पर किसी भी कंपनी की कॉल (Call) आ जाति है की आप हिन्दी में सुनने के लिये 1 नंबर बटन दबाएं और अंग्रजी के लिये 2 नंबर बटन दबाएं |
स्पीच सिंथेसाइज़र (Speech Synthesizer)
स्पीच सिंथेसाइज़र लिखित जानकारी को बोलने के आधार से शब्दों में बदलता है | इसका मुख्य काम अंधे व्यक्तियों को पढ़ाई के लिये मदद देने का माध्यम है |
निष्कर्ष (Summary) कंप्यूटर का फुल फॉर्म Full Form of Computer
मुझे उम्मीद है कि इस ब्लॉग में आपको कंप्यूटर का फुल फॉर्म Full Form of Computer in Hindi के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी। चलो यह सब संक्षेप में समझें ।
- कंप्यूटर का फुल फॉर्म है,(Full Form of Computer in Hindi ) आमतौर पर संचालित मशीन विशेष रूप से प्रौद्योगिकी शिक्षा और अनुसंधान में उपयोग की जाती है । (Commonly Operated Machine Particularly Used in Technology Education and Research)
- कंप्यूटर का जन्म अंग्रेजी के शब्द कंप्यूट (Compute) ) से हुआ था जिसका मतलब है गणना करना
- इसकी काफी विशेषताएँ है
- कंप्यूटर प्रणाली वास्तुकला (Computer System Architecture) में है
- स्टोरेज यूनिट (Storage Unit)
- आउटपुट यूनिट (Output Unit)
- इनपुट यूनिट (Input Unit)
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डीमैट अकाउंट (Demat Account ) के बारे में जानकारी के लिए इस ब्लॉग को पढ़े।
Good information specially in Hindi…