वर्तमान डिजिटल ( Digital ) दुनिया में शायद ही कोई हो जिसने शेयर मार्किट ( Share Market ) के बारे ना सुना हो। जब शेयर मार्किट की बात चलती है तो `डीमैट अकाउंट ‘ (Demat Account) शब्द इस्तेमान आमतौर होता है । इस ब्लॉग पोस्ट में हम आपको डीमैट अकाउंट क्या है (what is demat account in hindi) के बारे में पूरी जानकारी देंगे।
डीमैट अकाउंट क्या है (What Is Demat Account)
यह एक बैंक अकाउंट (खाते) की तरह ही है लेकिन डीमैट अकाउंट (खाता) एक ऐसा खाता है जिसमें आप इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप में शेयर, प्रमाण पत्र और अन्य प्रतिभूतियों को रख सकते हैं। डीमैट अकाउंट का पूरा नाम है डीमैटरियलाइजेशन अकाउंट (dematerialisation account) है। यह आपके निवेश जैसे शेयरों, बॉन्ड, सरकारी प्रतिभूतियों, म्यूचुअल फंड, इंश्योरेंस और ईटीएफ को इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखते है और इसे संभालने की प्रक्रिया को आसान बनाता है। यह कागज़ के शेयरों और संबंधित दस्तावेज़ों के रखरखाव की बाधाओं से दूर होने में मदद करता है।
डिमांड अकाउंट को समझे ( Understanding Demat account)
डीमैट खाते को अधिक विस्तार से समझने के लिए, हमें एक उदाहरण लेने की आवश्यकता है। अगर कि एक व्यक्ति किसी कंपनी के शेयर खरीदने चाहता है। जब वह उन शेयरों को खरीदते हैं, तो इन शेयरों को व्यक्ति के नाम पर स्थानांतरित करना होता है। पुराने समय में, व्यक्ति के नाम पर एक्सचेंज से भौतिक शेयर प्रमाण पत्र जारी किए जाते थे। इसमें बहुत सारी कागज़ कार्रवाई शामिल होती थी। हर बार एक शेयर खरीदने और बेचने के लिए कागज़ का इस्तेमाल किया जाता था , इस से कागज़ का उपयोग बहुत बार होता था । इस कागज़ कार्रवाई से छुटकारा पाने के लिए डीमैट खाता शुरू किया गया था।
आज, शेयरों के किसी भी लेन देन में कोई भी कागज़ कार्रवाई शामिल नहीं होती है और भौतिक प्रमाण पत्र अब जारी नहीं किए जाते हैं। इसलिए जब कोई भी किसी कंपनी के शेयर खरीदते है, तो उस व्यक्ति को उसके डिमैट खाते में इलेक्ट्रॉनिक रूप में प्रमाण पत्र मिलता है।
इसको डीमैट खाता कहा जाता है।
डीमैट एकाउंट का इतिहास ( History of Demat account in India)
भारत में डीमैट खाता प्रणाली 1996 में एनएसई NSE (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) पर व्यापार के लिए शुरू की गई थी। उससे पूर्व जब शेयर खरीदने के लिए कागज़ का इस्तेमाल होता था। तब हम जो भी शेयर खरीदते थे वो हमें कागज़ के रूप में थें और हाथों हाथ लेन देन होता था। यह बहुत अधिक समय लगने वाला यह काम होता था।
जब शेयर मार्किट में कंप्यूटर का इस्तेमाल शुरू हो गया, तभी से सारे शेयरों को डिमेटेरियलाइज़्ड कर दिया गया और हमें कागज़ कार्यवाही से छुटकारा मिल गया। एनएसई NSE में डीमैट खाता प्रणाली को लागू करने के बाद इसे बाकी जगहों में भी लागू किया गया।
डीमैट खाता क्यों होना चाहिए? (Why Demat account is required?)
डीमेट अकाउंट शेयर मार्किट में किसी भी बड़े बदलाव से कम नहीं था। आज इसने शेयर मार्केट में काम करने के तरीके को पूरी तरह से बदल दिया है और हाथ के काम वाली प्रक्रिया को समाप्त करते हुए, शेयर के लेन देन की प्रक्रिया को सुरक्षित और आसान बना दिया है।
भारत सरकार की संस्था SEBI के दिशा निर्देश के अनुसार डीमैट अकाउंट को छोड़कर किसी अन्य किसी भी रूप में शेयरों को बेचा या ख़रीदा नहीं जा सकता है। इसलिए, अगर किसी को शेयर बाज़ार में से शेयर खरीदना या बेचाना हो तो उसके पास डीमैट अकाउंट (खाता) होना अनिवार्य है।
डीमैट अकाउंट कैसे काम करता है (How Demat account works)
जब कोई व्यक्ति डीमैट खाता खोलता है, तो उसका बैंक खाता इस खाते से जुड़ जाता है। जब वह शेयर खरीदते है, तो राशि उसके बैंक खाते से काट ली जाती है और शेयरों को उसके डीमैट खाते में इलेक्ट्रॉनिक रूप में जमा किया जाता है।
जब वह शेयर बेचाता है, तो ये शेयर उसके डीमैट खाते से निकल जाते है और उसके बैंक खाते में राशि जमा हो जाती हैं।
शेयर का आज भौतिक रूप में प्रमाण नहीं दिखता बल्कि पूर्ण कंप्यूट्रीकृत रूप में एक प्रमाण पत्र देखा जाता है, जिसे केवल डीमैट खाते के माध्यम से ख़रीदा और बेचा जा सकता है। अगर किसी के पास में पुराने शेयर सर्टिफ़िकेट हैं, तो उन्हें बेचने से पहले उसे उन्हें डिजीटाइज करना होगा।
डीमैट खाता कैसे प्राप्त करें (How to get Demat account)
जब आप एक डीमैट अकाउंट खोलते हैं, तो आप किसी एक केंद्रीय डिपॉजिटरी (central depository) जैसे की सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (सीएसडीएल – CSDL ) या नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल – NSDL ) में भी खाता खोल रहे हैं। ये डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स (DP) नामक एजेंटों को नियुक्त करते हैं, जो स्वयं और निवेशकों के बीच मध्यस्थ के रूप में कार्य करते हैं। उदाहरण के लिए आपका बैंक, जैसे आईसीआईसीआई बैंक (ICICI bank ), एचडीएफसी बैंक (HDFC bank ), एक डीपी है, जिसके साथ आप डीमैट खाता खोल सकते हैं। स्टॉकब्रोकर (Stock broker ) और वित्तीय संस्थान भी डीपी (DP) हैं, और आप उनके साथ डीमैट खाता भी खोल सकते हैं।
जैसे आप बैंक खाते में पैसा जमा करवाते है, वैसे ही डीमैट खाता आपके निवेश को इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखता है, जो आप लैपटॉप (laptop) या स्मार्ट डिवाइस (smart devices ) और इंटरनेट (Internet) के साथ आसानी से उपलब्ध कर सकते हैं। आपको इसे देखने के लिए लॉगिन आईडी (login ID ) और (Password ) पासवर्ड की आवश्यकता है। एक चीज और बैंक खाते के विपरीत, आपके डीमैट खाते में किसी भी प्रकार का न्यूनतम शेष राशि ( minimum balance) की जरूरत नहीं है ।
अगर आपको किसी डीपी की एक सूची प्राप्त करनी है तो आप किसी भी डिपॉजिटरी की वेबसाइट (website) पर जांच कर सकते हैं, जिसके साथ आप डीमैट खाता खोल सकते हैं। डीपी का चुनाव उसके वार्षिक शुल्क पर भी निर्भर करता है।
डीमैट खाता विवरण (Demat Account details)
जब आपका डीमैट खाता खोला जाता है उसके बाद आपको डीपी (DP) में निम्नलिखित विवरण को सुनिश्चित करना होगा :
- डीमैट खाता संख्या (Demat Account number) : इसे सीडीएसएल (CDSL) के तहत ‘लाभार्थी आईडी’ (ID) के रूप में जाना जाता है। यह संख्या 16 पात्रों का मिश्रण है।
- पीओए (POA) संख्या : यह पावर ऑफ अटॉर्नी (Power of Attorney ) समझौते का हिस्सा है, जहां एक निवेशक स्टॉकब्रोकर (stockbroker) को दिए गए निर्देशों के अनुसार अपना खाता संचालित करने की अनुमति देता है।
- डीपी आईडी (DP ID) : यह आईडी (ID) डिपॉजिटरी प्रतिभागी को दी जाती है। यह आईडी (ID)आपके डीमैट अकाउंट नंबर का एक हिस्सा बनाती है।
- आपको ऑनलाइन एक्सेस के लिए अपने डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट्स के लिए एक यूनिक लॉगइन आईडी (login ID) और पासवर्ड (password) भी प्राप्त होगा।
डीमैट खाता और ट्रेडिंग खाता (Demat Account and Trading Account)
एक डीमैट खाता आमतौर पर एक ट्रेडिंग खाते के साथ होता है। शेयर बाजार में शेयर खरीदने और बेचने के लिए ट्रेडिंग खाते की आवश्यकता होती है। एचडीएफसी (HDFC) बैंक में, 3 in 1 खाते हैं जिनमें एक बचत खाता, एक डीमैट खाता और एक ट्रेडिंग खाता शामिल है।
लोग इन दोनों खातों (डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट्स) के बीच का अंतर कभी-कभी समझ नहीं पाते । यह दो खाते भिन्न हैं । एक डीमैट खाते में किसी व्यक्ति के शेयरों और अन्य प्रतिभूतियों का विवरण उसके नाम में होता है। शेयरों की खरीद और बिक्री के लिए, उन्हें एक ट्रेडिंग खाता खोलने की आवश्यकता है। कई बैंकों और दलालों (brokers) में ट्रेडिंग खाते ऑनलाइन ट्रेडिंग सुविधाओं के साथ पेश किए जाते हैं। इससे किसी आम से निवेशक के लिए शेयर बाजार में भाग लेना आसान हो जाता है।
डीमैट खातों के प्रकार (Types of Demat Accounts)
अगर हम डीमैट खाते की परिभाषा को डीमैट खाते के प्रकार पर नजर ढाले तो यह मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं।
1 नियमित (regular ) डीमैट खाता: यह खाता भारतीय नागरिकों के लिए है जो देश में रहते हैं।
2 प्रत्यावर्तनीय (Repatriable ) डीमैट खाता: यह डीमैट खाता अनिवासी भारतीयों (एनआरआई NRI ) के लिए है, जो धन को विदेशों में स्थानांतरित करने में सक्षम बनाता है। इस प्रकार के डीमैट खाते को एनआरई (NRE ) बैंक खाते से जोड़ना जरुरी है ।
३) गैर-प्रत्यावर्तनीय (Non-Repatriable) डीमैट खाता: यह फिर से अनिवासी भारतीयों के लिए है, लेकिन इस प्रकार के डीमैट खाते के साथ, विदेश में फंड ट्रांसफर (fund tranfer ) संभव नहीं है और इसे एनआरओ (NRO ) बैंक खाते से जोड़ना जरुरी है ।
डीमैट खाता खोलने के लिए आवश्यक दस्तावेज (Documents required to open Demat account)
पहचान प्रमाण Proof of identity :
- पैन कार्ड Pan Card
- मतदाता पहचान पत्र Voter ID
- पासपोर्ट Passport
- ड्राइवर लाइसेंस driver Licence
- बैंक सत्यापन Bank verification
- आईटी रिटर्न IT return
- बिजली/लैंडलाइन फोन का बिल Electricity / landline phone bill
पते का प्रमाण proof of address :
- राशन कार्ड Ration card
- मतदाता पहचान पत्र Voter ID
- पासपोर्ट Passport
- ड्राइवर लाइसेंस driver Licence
- बिजली बिल ( जो की दो महीन से अधिक पुराना नहीं) Verified copy of Electricity bill (not older than two months)
- निवास का टेलीफ़ोन बिल ( जो की दो महीने से अधिक पुराना नहीं) Residence telephone bill (not older than two months)
डीमैट खाता खोलने के लाभ (Benefits of opening a Demat account)
- आप जब चाओ अपने शेयरो के भाव देख सकते हो।
- इसमें भौतिक रूप में शेयरो को रखने में कोई परेशानी नहीं होती।
- यह सारा कंप्यूटर से संचालित है तो गलती होने की संभावना कम होती है।
- बहुत कम कागज की कार्रवाई होती है।
- देखभाल करने में बहुत सरल है।
- यह शेयर ट्रेडिंग की प्रक्रिया को पुरे रूप से सुरक्षित और त्वरित बनाता है।
शामिल शुल्क (Fees involved)
जब आप डीमेट अकाउंट खोलेंगे तब आपको कुछ निश्चित शुल्क देना होगा। यह शुल्क प्रमुख निम्लिखित मदों में विभाजित होता है:
- वार्षिक रख-रखाव शुल्क
यह शुल्क डीमैट खाते की रख-रखाव के लिया जाता है।
- संरक्षक शुल्क
यह शुल्क डीमैट खाते के संरक्षक के लिया जाता है।
- लेनदेन शुल्क
यह शुल्क लेनदेन के आधार पर लिया जाता है यह मासिक या प्रति लेनदेन के हिसाब से होता है।
बार-बार पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
- सभी शुल्क अलग अलग डीपी के अलग अलग होते हैं।
डीमेट अकाउंट के बारे में अधिक जानने के लिए यहाँ क्लिक करें - डिमैट खाते को खोलने के लिए कितने शेयर होने चाहिए?
डिमैट खाता किसी शेयर के बिना भी खोला जा सकता है और आपको न्यूनतम राशि को बनाए रखने की जरुरत नहीं होती है। - इसकी लागत क्या होगी?
डिमैट खाता खोलने के लिए आपको कुछ शुल्क देना होगा:
1.) वार्षिक रख-रखाव शुल्क
2.) संरक्षक शुल्क
३.) लेनदेन शुल्क. - एक डीपी का चयन कैसे करना होता है ?
आप अपने डीपी का चयन कोई डीमैट खाता खोलने के लिए कर करते हैं जैसे आप बचत खाता खोलने के लिए बैंक का चयन करते हैं। डीपी के चयन करते समय आपको कुछ महत्वपूर्ण चीजों को ध्यान रखना होगा।
सुविधा – अपने कार्यालय / निवास, व्यावसायिक घंटों के लिए निकटता।
आराम – डीपी की प्रतिष्ठा, संगठन के साथ अतीत का संबंध।
सेवा का मूल्य / स्तर – सेवा शुल्क डीपी और सेवा मानकों द्वारा लगाया जाता है। - क्या एक से अधिक डीमैट खाता खोल सकते हैं ?
हाँ। आप एक ही डीपी के साथ एक से अधिक खाते खोल सकते हैं। आपके द्वारा डीपी के साथ खोले जा सकने वाले खातों की संख्या पर कोई प्रतिबंध नहीं है। - क्या डीमैट खाते में प्रतिभूतियों का कोई न्यूनतम शेष रखना होगा?
नहीं। डिपॉजिटरी में कोई न्यूनतम शेष राशि निर्धारित नहीं है। आप अपने डीमैट खाते में शून्य शेष राशि रख सकते हैं। - क्या बैंक खाते की तरह “या तो या उत्तरजीवी” आधार पर एक संयुक्त खाता संचालित कर सकते है।वर्तमान नियमों के अनुसार, डीमैट खाता बैंक खाते की तरह ‘या तो या उत्तरजीवी’ आधार पर संचालित नहीं कर सकते है। इसलिए, संयुक्त रूप से आयोजित डीमैट खाते के लिए दिए गए प्रत्येक निर्देश पर सभी संयुक्त धारकों द्वारा हस्ताक्षर होने जरूरी है।
ZERODHA में डीमैट अकाउंट खोलने के लिए यहां क्लिक करे।
HDFC बैंक में डीमैट अकाउंट खोलने के लिए यहां क्लिक करे।
सारांश (Summary ) डीमैट अकाउंट क्या है (what is demat account in hindi)
हम यह आशा करते है की इस पोस्ट डीमैट अकाउंट क्या है (what is demat account in hindi) में आपको डीमैट अकाउंट के बारे में अच्छी जानकारी मिली होगी । चलो हम अब इसका सार जानने का प्रयास करते है।
- डीमैटरियलाइजेशन अकाउंट (dematerialisation account) है।
- शेयर की बिक्री पर कागज़ कार्रवाई से छुटकारा पाने के लिए डीमैट खाते शुरू किया गए थे ।
- भारत में डीमैट खाता प्रणाली 1996 में एनएसई NSE (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) पर व्यापार के लिए शुरू की गई थी ।
- भारत सरकार की दो डिपॉजिटरी है, जैसे की सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (सीएसडीएल – CSDL ) या नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल – NSDL ) ।
- डीमैट खाता और ट्रेडिंग खाता में फरक होता है।
- डीमैट खातों तीन प्रकार के होते है।
आप इस पोस्ट डीमैट अकाउंट क्या है (what is demat account in hindi) के बारे में कोई सवाल या कोई सुझाव दे रहे हैं तो कृप्या टिप्पणी (comment) करें।